कर्ज देने वालों में हड़कंप ( ReBirth of Subhash and His Murder Mistry)

गौर हो कि राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव लीलांवाला निवासी अवतार सिंह (7) पुत्र चरण सिंह ने स्थानीय पुलिस को बताया था कि उसका पिछला जन्म अबोहर क्षेत्र के गांव राजांवाली में हुआ था। पिछले जन्म में उसका नाम सुभाष पुत्र फकीर चंद था। 15 अगस्त, 2004 को रुपयों के लेनदेन को लेकर कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर दी थी। उसके बाद राजस्थान में जन्म लेने के बाद उसे पिछले जन्म की सारी बातें याद आने लगी। उसे अपने मां-बाप, भाई बहिन सब याद आ गए हैं। अब वो इस मामले में हत्यारों के विरुद्ध कार्रवाई करवाना चाहता है।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_7902994.html
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पिछले जन्म में हुई हत्या को लेकर कार्रवाई की मांग करने के मामले में पंजाब पुलिस को ऐसे तथ्यों की जरूरत है, जिनसे यह साबित हो सके कि उसकी हत्या की गई थी। अगर ऐसा नहीं होगा तो पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उधर, तर्कशील सोसायटी के सदस्यों ने इसको झूठा करार दिया है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव लीलांवाला निवासी सात वर्षीय बच्चे अवतार सिंह पुत्र चरण सिंह ने स्थानीय पुलिस को बताया कि उसका पिछला जन्म अबोहर क्षेत्र के गांव राजांवाली में हुआ था। पिछले जन्म में उसका नाम सुभाष पुत्र फकीर चंद था। पिछले जन्म में 15 अगस्त, 2004 को रुपयों के लेनदेन को लेकर कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसका राजस्थान में जन्म हो गया व धीरे-धीरे उसको पिछले जन्म की सारी बातें याद आने लगी। अब वो इस मामले में हत्यारों के विरुद्ध कार्रवाई करवाना चाहता है। सात वर्षीय यह बच्चा अपने पुनर्जन्म के माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों की पहचान भी करता है।
इस मामले में जिला पुलिस कप्तान कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि पुलिस कानून के अनुसार ऐसे तथ्यों पर कार्रवाई नहीं कर सकती। अगर इस मामले में बच्चा लिखित रूप से कोई शिकायत दर्ज करवाता है तो मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर जांच के दौरान को गवाह या सबूत उनके हाथ लगता है तो कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
इस मामले में तर्कशील सोसायटी के स्थानीय अध्यक्ष गणपत राम ने बताया कि सोसायटी ऐसी बातों में कभी विश्वास नहीं करती। रविवार को जब वह अपने साथी भगवान दास व महेंद्र कुमार के साथ बच्चे व उसके तथाकथित पिछले जन्म के पिता व भाई से मिले तो उनको यह मामला संदिग्ध लगा, क्योंकि सात वर्षीय बच्चा अवतार अपने पिछले जन्म के माता-पिता भाई को तो जानता है और अपने कत्ल की बात करता है और किसी के बारे में कुछ नहीं बताता। सदस्यों ने जब उससे उसके मित्रों व गांव के अन्य लोगों के बारे में पूछा तो वह कुछ भी नहीं बता सका। वह अपने ससुराल पक्ष या उन दुकानदारों को भी नहीं पहचानता जिनके साथ मिलकर वह काम करता था।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_7893436.html
पिछले जन्म में हुई हत्या को लेकर कार्रवाई की मांग करने के मामले में पंजाब पुलिस को ऐसे तथ्यों की जरूरत है, जिनसे यह साबित हो सके कि उसकी हत्या की गई थी। अगर ऐसा नहीं होगा तो पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उधर, तर्कशील सोसायटी के सदस्यों ने इसको झूठा करार दिया है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव लीलांवाला निवासी सात वर्षीय बच्चे अवतार सिंह पुत्र चरण सिंह ने स्थानीय पुलिस को बताया कि उसका पिछला जन्म अबोहर क्षेत्र के गांव राजांवाली में हुआ था। पिछले जन्म में उसका नाम सुभाष पुत्र फकीर चंद था। पिछले जन्म में 15 अगस्त, 2004 को रुपयों के लेनदेन को लेकर कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसका राजस्थान में जन्म हो गया व धीरे-धीरे उसको पिछले जन्म की सारी बातें याद आने लगी। अब वो इस मामले में हत्यारों के विरुद्ध कार्रवाई करवाना चाहता है। सात वर्षीय यह बच्चा अपने पुनर्जन्म के माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों की पहचान भी करता है।
इस मामले में जिला पुलिस कप्तान कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि पुलिस कानून के अनुसार ऐसे तथ्यों पर कार्रवाई नहीं कर सकती। अगर इस मामले में बच्चा लिखित रूप से कोई शिकायत दर्ज करवाता है तो मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर जांच के दौरान को गवाह या सबूत उनके हाथ लगता है तो कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
इस मामले में तर्कशील सोसायटी के स्थानीय अध्यक्ष गणपत राम ने बताया कि सोसायटी ऐसी बातों में कभी विश्वास नहीं करती। रविवार को जब वह अपने साथी भगवान दास व महेंद्र कुमार के साथ बच्चे व उसके तथाकथित पिछले जन्म के पिता व भाई से मिले तो उनको यह मामला संदिग्ध लगा, क्योंकि सात वर्षीय बच्चा अवतार अपने पिछले जन्म के माता-पिता भाई को तो जानता है और अपने कत्ल की बात करता है और किसी के बारे में कुछ नहीं बताता। सदस्यों ने जब उससे उसके मित्रों व गांव के अन्य लोगों के बारे में पूछा तो वह कुछ भी नहीं बता सका। वह अपने ससुराल पक्ष या उन दुकानदारों को भी नहीं पहचानता जिनके साथ मिलकर वह काम करता था।
Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_7893436.html
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