Sunday, November 13, 2011

Reincarnation Story of 2.5 year child Jaybeer, Thari Village, Karnal

ढाई साल का जयबीर यहां के लोगों के लिए बना 'चमत्कार'!

(Reincarnation Story of 2.5 year child Jaybeer, Thari Village, Karnal)

निसिंग (करनाल). ठरी गांव में पैदा हुआ ढाई वर्षीय जयबीर सिंह अपने पूर्व जन्म की कहानी अपने परिजनों को बताता है। वह स्वयं को जयमल बताता है, जिसकी 1999 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। दोनों ही परिवार व अन्य लोग इसे भगवान का करिश्मा मान रहे हैं। नन्हा सा यह बालक अपने पूर्व जन्म के पुत्रों की पहचान करता है।

परिजनों के अनुसार वह बार-बार अपने पूर्व गांव डाचर में जाने की बात करता है। जानकारी मिलने के बाद पिछले सभी रिश्तेदार ठरी जाकर उससे मिलने जा रहे हैं। अन्य गांवों के लोग भी उसके पूर्व जन्म की बातों को सुनने के लिए आ रहे हैं। पूछे जाने पर जयबीर कहता है कि मंजूरा गांव के पास बाइक पर उसे व उसके लड़के देव को चोट लगी थी।

कुछ हद उसकी कही बातें पिछले परिजनों को रास आ रही हैं। जयबीर के पिता रणबीर सिंह व उनकी दादी जोगिंद्र कौर का कहना है कि वह पिछले करीब दो माह से अजीब सी बातें कर रहा था। जब उन्होंने इन बातों को गहराई से लिया तो उन्हें पूर्व जन्म के आभास का पता चला। जो बातें वह कर रहा था अधिकतर सही मिल रही हैं। डाचर की वृद्धा सिंद्र कौर जो ठरी में विवाहित है उसे वह अपनी चचेरी बहन कह अपने घर पर खाना भी खिलाता है।

खाना न खाने से वह अपने परिजनों से खफा भी होता है। वह अपने परिजनों से अपने गांव डाचर जाकर रहने की बात भी करता है। जयबीर सिंह की यह कहानी क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है। शनिवार को जयमल का बेटा सिंदर व बालू में विवाहित उसकी बेटी का परिवार भी ठरी उससे मिलने गए। जयबीर सिंह ने कुछ बातें ऐसी बताई जिससे दोनों को आभास हुआ कि यह जयमल का दूसरा जन्म हो सकता है।

अब जयबीर जाएगा डाचर

अगले रविवार को रणबीर सिंह अपने बेटे जयबीर सिंह को साथ लेकर डाचर गांव में जाएगा। जहां असलियत का पता लगाया जाएगा। हालांकि जयबीर सिंह बोलते वक्त तुतलाता है, लेकिन परिजन कह रहे हैं वे उसे लेकर डाचर जाएंगे, जहां वह अपने पूर्व जन्म के परिजनों से मिलेगा।

News : http://www7.bhaskar.com/article/HAR-HAR-HIS-pre-birth-story-2459157.html
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Reincarnation story of Sachin, A 2.5 year child in Hindoncity

ढाई साल के बच्चे को याद हैं पिछले जन्म की बातें!

(Reincarnation story of Sachin, A 2.5 year child in Hindoncity)

हिण्डौनसिटी। ढाई साल के एक बच्चे ने पूर्व जन्म की बातें याद होने का दावा करते कहा है कि वह इससे पहले उसी गांव में जन्म ले चुका है। उसकी मृत्यु के बाद उसने अपने मित्र के घर पुन: जन्म लिया। जाटव बस्ती के खारा कुआं कॉलोनी के सियाराम जाटव की मानें तो सात दिन पूर्व उसके ढाई वर्षीय बालक सचिन ने पूर्व जन्म में भी खुद के उसी गांव में पैदा होने की बात बताई। उसने कहा कि पूर्व जन्म में वह चौबे पाडा निवासी बृजेश पाठक पान वाला था।
उसकी ढाई वर्ष पूर्व किडनी की बीमारी से मौत हो गई थी। बालक की जिद पर परिजन उसे बृजेश के पिता छोटेलाल के घर ले गए। इस दौरान बालक ने अपने कथित पूर्व जन्म के परिजनों को पहचान लिया।
छोटे लाल के अनुसार, उसके घर की एलबम में सचिन ने उसकी पुत्रवधू कुसुमलता (बृजेश की पत्नी) को स्वयं की पत्नी व पोते भविष्य (6) व गगन (4) को अपना पुत्र बताया। इधर सियाराम का कहना है कि मृतक बृजेश पाठक (32) उसका मित्र था। अग्रसेन महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य व मनोविज्ञान के प्रवक्ता डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि व्यवहार में पूर्वजन्म की याद्दाश्त को पुनर्जन्म के रूप में देखा जाता है।

Reincarnation : 3 years child told story of his previous life

पूर्वजन्मः तीन साल के बालक की तीस वर्ष की पत्नी

( Reincarnation : 3 years child told story of his previous life)
His wife of previous life founds it true and accpts 3 year husband)

पीलीभीत: तीन साल का अर्पन और तीस साल की चंदना के बीच रिश्ता पति-पत्नी का है। हैरान मत हों, ऐसा दावा करने वाला है, अर्पण जिसकी 27 साल पहले पैसे को लेकर दोस्तों ने हत्या कर दी थी। पूर्वजन्म का यह दावा बंगाली समुदाय के लोगों में ही क्षेत्र में चर्चा का मौजू बना हुआ है।पूरनपुर तहसील के ग्राम फूल चन्दुइया निवासी डा0 सुभाश मंडल के रिष्तेदार बंगाल से आये इन में तीन साल का अर्पन मंडल अपने पूर्वजन्म का दावा कर रहा है। इसके दावे को सभी मान रहे हैं क्योंकि वह जो बता रहा है वह उसके परिवारजनों द्वारा पुश्टि करने पर सही पाया गया है।उसके साथ उसके पिछले जन्म की पत्नी चंदना भी उसके साथ है। जो तीस साल की हो चुकी है। चंदना अपने पुराने जीवनसाथी को उसके नये जीवन में भी पूरा ख्याल रख रही है। कहा जाता है कि यदि चंदना किसी से हंसकर बोल दे तो अर्पन का पारा हाई हो जाता है। बंगाल प्रदेष के गांव बजुआ निवासी सुषान्त मंडल और उसकी पत्नी रूहीना का कहना है कि पिछले जन्म में अर्पन बंगाल के जिला नोडेराबाद का रणजीत मण्डल था। उसके दोस्तों ने पैसों के लेन-देन में उसके हाथ-पैर बांधकर गला काटकर हत्या कर दी थी। अर्पन ने उसके घर जन्म लेने के बाद पिछली बातें बताना शुरू कर दीं। पूर्व जन्म की कहानी को अर्पना अपनी जुबानी में बता रही है। साथ ही वह निषान भी दिखाता है जो पूर्व जन्म में उसके दोस्तों ने दिये हैं। इस पूर्व जन्म की कहानी को बंगाल के सभी अखबारों ने प्रकाषित किया है। इस कहानी को जहां एक ओर उसके परिवारजन सही मान रहे हैं वहीं क्षेत्र के लोग अपनी-अपनी राय पेष करके इसको चर्चा का मौजू बनाये हुये हैं।—

One more Story of Reincarnation in India

पूर्व जन्म की कहानी ( One more Story of Reincarnation in India)

मेरा नाम भीम नहीं है जय निरंजन पुनर्जन्म की पहली घटना सबसे पहले मैने अपने ही गांव महरहा, तहसील- बिन्दकी, जिला-फतेहपुर (उ. प्र.) में सुनी थी।
यद्यपि इस घटना का तथ्यपरक वैज्ञानिक अध्ययन अभी तक किसी परामनोविज्ञानी द्वारा नहीं हो सका है क्योंकि इस घटना की जानकारी उस समय किसी समाचार पत्र में भी नहीं दी गयी थी।

मैने इस घटना के बारे में जैसा सुना है उसका विवरण इस प्रकार है।

करीब 1990 के आस-पास की बात है। मैं कक्षा सात में पढ़ता था। मेरे गांव महरहा में डॉ. राकेश शुक्ला के चार वर्षीय बेटे भीम ने अपने माता-पिता से यह कहना शुरू कर दिया कि उसका नाम भीम नहीं है और न ही यह उसका घर है। उसके द्वारा रोज-रोज ऐसा कहने पर एक दिन उन्होंने पूछा कि, बेटा, तुम्हारा नाम भीम नहीं है तो क्या है और तुम्हारा घर यहां नहीं है तो कहां है?

 इस पर भीम ने जो उत्तर दिया उससे डॉ. शुक्ला आश्चर्य चकित रह गए। उसने जबाब दिया कि उसका असली नाम- 'सुक्खू' है। वह जाति का चमार है एवं उसका घर बिन्दकी के पास मुरादपुर गांव में है। उसके परिवार में पत्नी एवं दो बच्चे हैं। बड़े बेटे का नाम उसने मानचंद भी बताया। आगे उसने यह भी बताया कि वह खेती-किसानी करता था।

एक बार खेतों पर सिंचाई करते समय उसके चचेरे भाइयों से विवाद हो गया, जिस पर उसके चचेरे भाइयों ने उसे फावड़े से काटकर मार डाला था।

भीम ने अपने पिता डॉ. राकेश शुक्ला से अपनी पूर्वजन्म की पत्नी और बच्चों से मिलने की इच्छा भी जतायी। मुरादपुर, महरहा से तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर ही है।

इसलिए डॉ. शुक्ला ने एक दिन उस गांव में जाकर लोगों से सुक्खू चमार और उसके परिजनों के बारे में पूछ-ताछ की तो उन्हें भीम द्वारा बतायी गयी सारी जानकारी सही मिली।

 डॉ. शुक्ला के मुरादपुर से लौटने के बाद एक दिन सुक्खू चमार की पत्नी अपने दोनों बच्चों तथा कुछ अन्य परिजनों के साथ डॉ. शुक्ला के घर भीम को देखने आयी।

यहां पर भीम ने अपने पूर्व जन्म के सभी परिजनों को पहचाना एवं उन्हें उनके नाम से संबोधित भी किया। पत्नी के द्वारा पैर छूने एवं रोने पर उसने उसे ढाढस भी बंधाया और उसके सिर पर हाथ फेरा। जब वे लोग भीम से घर चलने के लिए बोले तो वह सहर्ष तैयार हो गया लेकिन डॉ. शुक्ला एवं उनकी पत्नी ने उसे नहीं जाने दिया।

इस घटना के बाद भीम अक्सर अपनी पूर्व पत्नी एवं बच्चों से मिलने की बात करता रहता था। इससे डॉ. शुक्ला काफी परेशान भी हुए। बाद में उन्होंने भीम की पूर्वजन्म की स्मृति को समाप्त करने के लिए किसी तांत्रिक की सहायता ली। जिससे बाद में भीम की पूर्वजन्म की स्मृति समाप्त हो गयी। वर्तमान में भीम शुक्ला बी. टेक कर रहा है।

इस घटना के सभी व्यक्ति एवं स्थान वास्तविक हैं। उ. प्र. के फतेहपुर जिले में बिंदकी तहसील मुखयालय से 4 किमी. दूर भीम शुक्ला पुत्र राकेश शुक्ला का गांव महरहा है। एवं बिंदकी तहसील मुखयालय से 1 किमी दूर मुरादपुर में स्व. सुक्खू हरिजन का घर एवं परिजन हैं। डॉराकेश शुक्ला का क्लीनिक एवं सीमेंट की दुकान बिन्दकी में महरहा रोड पर स्थित है।
News source : Future Samachar

Reincarnation Story by 4 year child Ayush India

पूर्व जन्म की कहानी बता रहा मासूम, हैरत में पड़ा पूरा गांव

सीतामढी. बिहार के शिवहर जिले के महुअरिया गांव के चार वर्षीय आयुष को अपनी पूर्व जन्म की सभी बातें बखूबी याद हैं। उसकी बातों को सुनकर परिजन ही नहीं बल्कि पूरा इलाका हैरत में है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग उसकी बातों को सुनने के लिए गांव पहुंच रहे हैं। उदय चन्द द्विवेदी के द्वितीय पुत्र आयुष बीते एक सप्ताह से पूर्व जन्म की बातें याद होने का दावा कर रहा है और उसके घर पहुंच रही भीड़ से पूर्व जन्म की बातों को धड़ल्ले से बखान कर रहा है।

मां जता रही अनहोनी की आशंका

उसकी मां सुमन देवी बताती है कि पत्र-पत्रिकाओं में पढ़ा था कि कुछ लोगों को पूर्व जन्म की बातें याद रहती हैं। परन्तु अब उनके माथे पर ही यह पड़ गया। वे किसी अनहोनी की आशंका व्यक्त करते हुए कहती हैं कि जो भी हो रहा है वह उनके परिवार के लिए अच्छा नहीं है। इधर, चार वर्षीय आयुष ने बताया कि पूर्व जन्म में उसका नाम उज्जैन सिंह था तथा उसकी पत्नी का नाम बेबी सिंह था। उसके पिता धीरेन्द्र सिंह और माता वीणा देवी थीं। वे तीन भाई थे। जिनका नाम धीरज, नीरज व धर्मेन्द्र था

पिछले जन्म में दिल्ली में था भव्य आवास

उसका दिल्ली के एलमाल चौक के रोड न. 4 में भव्य आवास है तथा चांदनी चौक की गली न. 5 में भी एक मकान है, जहां उसके बड़े भाई नीरज सिंह रहते हैं। उसके पास दो मारूती कार, एक लाइसेंसी बन्दूक तथा एक पिस्टल एवं कई मोबाईल फोन थे। उसकी तीन बहनें थीं और ससुराल बिहार के औरगांबाद जिले में था। आयुष का दावा है कि उसकी शादी का जोड़ा आज भी उसके अलमीरा में सजाकर रखा हुआ है। सोने वाले कमरे में उसका और उसकी पत्नी बेबी सिंह का संयुक्त फोटो टंगा हुआ है

पिछले जन्म में सरकारी भवनों को बनवाता था

आयुष का कहना है कि वह पूर्व जन्म में भवन निर्माण विभाग में ठेकेदारी का कार्य करता था और सरकारी भवने बनवाता था। उसका कहना है कि उसने बाबा रामदेव का योग भी त्रिकुट गांव में सीखा था जो आज भी याद है। चार वर्ष की उम्र में ही आयुष अच्छी तरह से योग भी कर लेता है। वह कहता है कि एक बार उसका एक्सीडेन्ट हो गया था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया था। 21 सितम्बर 2006 की सुबह उसे सांप ने कांट लिया जिसके बाद परिजनों ने इलाज कराया और वह बेहोश हो गया, जिसके बाद उसे कुछ भी याद नही हैं। आयुष की मां सुमन देवी का कहना है कि यदि आयुष का कहना सत्य है तो इसकी मौत सांप के काटने से हुई है और 21 सितम्बर 2006 के दोपहर में ही आयुष का जन्म हुआ था। हालाँकि, उसके बताये गये जगह का सत्यापन कराया जा रहा है।

News Source : http://bollywood2.bhaskar.com/article/BIH-child-telling-story-of-re-birth-in-bihar-2298022.html
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