Thursday, July 21, 2011

जन्म से सुलझी मौत की गुत्थी ( Another Story of ReBirth/ReIncarnation)

जन्म से सुलझी मौत की गुत्थी ( Another Story of ReBirth/ReIncarnation)

मैनपुरी: विज्ञान भले ही न माने मगर आंखन देखी और कानन सुनी को नकार पाना संभव नहीं। पुत्रवधू और फिर पुत्र की मौत के कारणों से अनजान ससुराल और मायके वालों में ठन गई। मगर भाई-बहन के रूप में अगला जन्म लेने के बाद जब पुनर्जन्म के पति-पत्नी की दास्तां सुनाई तो मौत की गुत्थी सुलझ गई। ससुराल और मायके के गिले-शिकवे दूर हो गए।
किसी रहस्यमय मगर हकीकत वाली इस कहानी का पटाक्षेप हुआ मैनपुरी जिले के कस्बा बेवर स्थित दक्षिणी काजी टोला निवासी प्रमोद कुमार दुबे और कल्पना दुबे के घर से। 13 साल पहले 6 मार्च को जन्मे जुड़वां भाई-बहन अपने को पूर्व जन्म में एटा के ग्राम दहलई निवासी शाक्य जाति के सूरज पाल व उसकी पत्‍‌नी ममता बताते हैं। 13 साल की बेटी राधा तथा इतनी ही उम्र का बेटा भोले उर्फ विशाल अपने पूर्व जन्म को पूरी तरह से भूल नहीं पाये हैं। कल्पना ने बताया कि 6 मार्च 1998 को जुड़वा पैदा हुये बच्चों ने जब बैठना सीखा, तभी से विशेष संकेत देना शुरू कर दिया था। मसलन पास ही बैठना कोई चीज खिलाओ तो पहले राधा भोले को खिलाती थी। जब बोलना शुरू किया तो पुनर्जन्म की बात कर सबको आश्चर्य में डाल दिया।
जुड़वा यूं बयां करते हैं कहानी
विशाल कहता है कि उसने अपनी गर्भवती पत्‍‌नी ममता के पीठ में डंडा मार दिया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। ममता की मृत्यु के ठीक 7 घंटे बाद पुलिस के भय से उसने गांव के बाहर नीम के पेड़ पर फांसी लगा ली थी। दुबे दंपती ने इनकी बातों की हकीकत जानने को तहकीकात की तो सच्चाई निकली।
यादें ताजा होते ही सिहर उठा बालकराम
एटा: अलीगंज विकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम दहेलिया में रविवार को बेटे और बहू की असमय हुई मौत की दास्तां सुनाते हुए पिता बालकराम सिहर उठा।
पचास की उम्र पार कर चुके बालकराम ने 'जागरण' को बताया कि अक्टूबर 1997 को गांव में कीर्तन था। वह वहां चला गया था। रात करीब एक बजे जब घर पहुंचा तो उसकी पुत्रवधू ममता मृत पड़ी थी, जबकि बेटा सूरजपाल घर से गायब था। ममता के शव को श्मशान लेकर चल दिये। तभी खबर मिली कि सूरजपाल की लाश नीम के पेड़ पर लटकी हुई है।
बहू की मौत के बाद उसे इतना जरूर पता चला कि किसी बात को लेकर पति-पत्‍‌नी में कुछ विवाद हुआ था। बहू के पिता ने पुलिस को खबर दे दी। सीओ उसे उठा ले गए थे। आठ दिन बाद छोड़ दिया गया। बाद में उसके पिता ने अदालत के आदेश पर उसकी पत्‍‌नी और मृतक सूरजपाल तथा बेटी श्यामा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सूरजपाल की मां शीला का कहना था कि जवान बेटे-बहू की मौत वह अभी तक भुला नहीं सकी है।

Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_7926216_1.html

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I am publishing these ReBirth/ReIncarnation stories, So that scientists/ psychologists gave a clear picture.
Are these ReBirth really possible OR some thing special beyond science happens that We don't know.

Lie detector / Other special apparatus can be used to know the real truth.

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