Saturday, July 30, 2011

आत्महत्या : मौत के बाद की जिंदगी, बेंगलुरू के एक कंप्यूटर इंजीनियर

बेंगलुरू के एक कंप्यूटर इंजीनियर  द्वारा आत्महत्या : मौत के बाद की जिंदगी को जानने के लिए पागलपन
(Sucide conducted by a Computer Engineer of Bangaluru to know What happens after Death - What a madness/sickness/obsession : Harmful / Henious Act , Why he is not thinking what happens with his family after such act.)


बेंगलुरू के एक कंप्यूटर इंजीनियर ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली थी। वह भी, यह जानने के लिए कि मौत के बाद की जिंदगी कैसी होती है। आईबीएम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी उसे जिंदगी की खूबसूरती नहीं दिखा पाई और वह मौत के बाद की खूबसूरती निहारने के लिए दूसरी दुनिया को चल निकला। हैदराबाद की फ्लाइट पकड़ी और वहां के श्री श्याम मंदिर में जहर खाकर हमेशा की नींद सो गया। अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा - ‘इस स्वार्थी दुनिया को अलविदा। मैं इस दुनिया से थक चुका हूं और उस दुनिया को देखना चाहता हूं जो मौत के बाद मिलती है।’

ऊपरी तौर पर देखा जाए तो यह एक सामान्य आत्महत्या लगती है। लेकिन क्या यह बस इतनी सी बात है? बिल्कुल नहीं। यह ऑब्सेशन का ही दूसरा रूप है। जब मन पर व्यक्ति का नियंत्रण नहीं रहता और वह बस एक ही दिशा में सोचना शुरू कर देता है। इसे दीवानगी विज्ञान की भाषा में ऑब्सेशन यानी किसी व्यक्ति-वस्तु या विचार के प्रति दीवानगी कहते हैं।


अपोलो अस्पताल की कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट डॉ. राखी आनंद कहती हैं, ‘ऑब्सेशन किसी भी किस्म का हो सकता है। किसी को सफाई को लेकर हो सकता है, किसी को खाने का तो किसी को घूमने-फिरने और शॉपिंग का। किसी न किसी बात का ऑब्सेशन तो हरेक व्यक्ति में होता ही है, लेकिन अगर यह ऑब्सेशन हद से अधिक बढ़ जए तो यह क्लीनिकल इलनेस बन जता है। इनसे व्यक्ति की बेसिर पैर की आदतों या सोच का खुलासा होता है जिनके प्रति वे ऑब्सेस्ड हो जाते हैं।’

Source : LiveHindustan ENews Paper

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