Thursday, July 21, 2011

करोड़ों लोग देख सकेंगे पुनर्जन्म के प्रकरणों के प्रमाण

करोड़ों लोग देख सकेंगे पुनर्जन्म के प्रकरणों के प्रमाण (Billions of People can see evidences of ReBirth / ReIncarnation )

इंदौर (वार्ता)। पुनर्जन्म की धारणा बहुत प्राचीन है किन्तु इसके वैज्ञानिक शोध का इतिहास अत्यन्त अल्प है । इसी तरह के शोध कार्य में संलग्न इंदौर के डॉ. कीर्तिस्वरुप रावत के पास पुनर्जन्म के 500 प्रकरण संकलित है । पुनर्जन्म साक्ष्य दुनियाभर के करोडों लोग जर्मनी में बनने वाली डाकयूमेन्ट्री फिल्म के जरिए देख सकेंगे ।
डॉ. रावत के अनुसार विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ रिग्वेद में इसका उल्लेख मिलता है किन्तु वैज्ञानिक रुप से इससे संबंधित आनुभविक साक्ष्यों की जांच कार्य का सूत्रपात 1923 में राजस्थान के किशनगढ के तत्कालीन दीवान श्यामसुन्दर लाल द्वारा किया गया था । कालांतर में अमरीका के डॉ. इयान स्टीवेन्सन ने विश्वभर में इस तरह के साक्ष्यों की विस्तृत रुप से जांच की ।
पिछले 35 वर्षों से अपनी पत्नी विद्या रावत के साथ इसी तरह के शोध कार्य में संलग्न डॉ रावत ने इंदौर में स्थापित अपने अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्जन्म एवं अतिजीवन शोध केन्द में करीब 500 पुनर्जन्म प्रकरण संकलित किये हैं। पिछले दिनों उन्होंने इस विषय पर अपनी तीसरी पुस्तक पुनर्जन्म एक वैज्ञानिक विवेचना जारी की है

Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/24863651.cms

No comments:

Post a Comment