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Monday, July 18, 2011

True Story of Reincarnation India News

REINCARNATION/ REBIRTH STORIES INDIA ( PUBLISED IN NEWS PAPERS)
( Can be a topic of Research for Scientists)

जहां मौत वहीं जन्म

राजगढ़। अब पांच साल के हो चुके मासूम बृजकिशोर ने जब बोलना सीखा तो ऎसी अजीबो-गरीब बातें किया करता कि घर वाले कुछ समझ ही नहीं पाते थे। धीरे-धीरे बोली साफ होने पर उसने जो बताया, उसने सबको दंग कर दिया। ब्यावरा की ग्राम पंचायत खनोटा के सौंधिया परिवार में जन्मे बृजकिशोर ने कहा कि वह तो पास के ही गांव हरिपुरा का रामबाबू है। यह उसका पुनर्जन्म है। रामबाबू की 2006 में ही थ्रेसर में फंस कर मौत हो चुकी है।
मामले की जानकारी मिलने पर खनोटा पहुंची पत्रिका टीम ने बृजकिशोर और उसके पिता रतनलाल सौंधिया से चर्चा की। पिता ने बताया कि बृजकिशोर पिछले कुछ दिनों से खुद को आठ किमी दूर स्थित हरिपुरा निवासी 24 वर्षीय रामबाबू बता रहा है। इतना ही नहीं वह रामबाबू के परिजनों को भी बखूबी पहचान रहा है। बृजकिशोर को खनोटा का आठ किमी का रास्ता भी बखूबी याद है।

पहली बार वह खुद सबसे आगे चलकर रामबाबू के घर पहंुच गया और वहां लगी मृतक रामबाबू की तस्वीर को अपनी बताने लगा। उसने रामबाबू की पत्नी और बच्चों को भी पहचान लिया।

बच्चे में हमें अपने पुत्र की छाया नजर आने लगी है। हम हमेशा उसे अपनी संतान की तरह प्यार देंगे।
-देवीसिंह नायक, रामबाबू का पिता

बच्चे ने बोलना शुरू किया, तब वह बहकी-बहकी बातें करता था। धीरे-धीरे उसने सारी बातें साफ कर दी।
-रतनलाल सौंधिया, बालक के पिता

ऎसी घटनाओं को पैरासाइक्लॉजी का हिस्सा माना जाता है। इस पर अध्ययन हो रहे हैं। ऎसी घटनाओं का मनोवैज्ञानिक पहलू समझने की कोशिश करनी चाहिए। पुनर्जन्म के मामलों में असमय मौत सबसे बड़ा कारण होती है। हालांकि, कई बार झूठे केस भी सामने आते हैं।
-डॉ. आरएन साहू, विभाग अध्यक्ष मानसिक रोग विभाग, गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल

जहां मौत वहीं जन्म
बृजकिशोर बताता है कि वह थ्रेसर चलाने का काम करता था। 2006 में अपने गांव से मशीन लेकर खनोटा आया था। वहीं थे्रसर में फंस जाने से उसकी मौत हो गई। अजीब संयोग है कि जिस खेत में रामबाबू की मौत हुई थी, वह उसी सौंधिया परिवार का है, जहां बृजकिशोर ने जन्म लिया है।

Source : http://www.patrika.com/news.aspx?id=627299

Scientists should use lie detector and other tests for authenticity of such rebirths.
And such topics are really helpfull for Parapsychologists for there research.

डाॅ. स्टीवेन्सन ने अपने अनुसंधान के दौरान कुछ ऐसे मामले भी देखे हैं जिसमें व्यक्ति के शरीर पर उसके पूर्वजन्म के चिन्ह मौजूद हैं। यद्यपि आत्मा का रुपान्तरण तो समझ में आता है लेकिन दैहिक चिन्हों का पुनःप्रकटन आज भी एक पहेली है।
डाॅ. हेमेन्द्र नाथ बनर्जी का कथन है कि कभी-कभी वर्तमान की बीमारी का कारण पिछले जन्म में भी हो सकता है।
श्रीमती रोजन वर्ग की चिकित्सा इसी तरह हुई। आग को देखते ही थर-थर कांप जाने वाली उक्त महिला का जब कोई भी डाॅक्टर इलाज नहीं कर सका। तब थककर वे मनोचिकित्सक के पास गई। वहां जब उन्हें सम्मोहित कर पूर्वभव की याद कराई  कई, तो रोजन वर्ग ने बताया कि वे पिछले जन्म में जल कर मर गई थीं। अतः उन्हें उसका अनुभव करा कर समझा दिया गया, तो वे बिल्कुल स्वस्थ हो गई।
इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों ने विल्सन कलाउड चेम्बर परीक्षण में चूहे की आत्मा की तस्वीर तक खींची है। क्या इससे यह प्रमाणित नहीं होता है कि मृत्यु पर चेतना का शरीर से निर्गमन हो जाता है?

आत्मा पुनर्जन्म और विज्ञानं ( Soul Rebirth and Sience)

आत्मा पुनर्जन्म और विज्ञानं ( Soul Rebirth and Science)

क्या जीवन की उत्पत्ति में आत्मा का अस्तित्व है | आधुनिक विज्ञानं इसको समझ पाने में असमर्थ है या ये सब मिथ्या है |
अगर पुनर्जन्म सत्य है तब तो जीवन को अभी इंसान को और समझना पड़ेगा | और हो सकता है की हमारे ऊपर कोई और शक्ति भी विध्यमान है |
देखिये कुछ विस्मयकारी पुनर्जन्म की घटनाएँ, जो की मेने कुछ समाचार पत्रों व् न्यूज़ से एकत्र करी हैं -  

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इंदौर के महाराज ने शेख के रूप में लिया पुनर्जन्म ?

इंदौर. क्या होलकर राजवंश के वंशज और इंदौर के पूर्व शासक महाराज यशवंत राव होलकर द्वितीय ने पुनर्जन्म लिया है। कुछ लोगों को यह बात भले ही किस्सा लगे, लेकिन कतर के एक अरबपति शेख के लिए यह सच्चाई है। कतर के सत्तारूढ़ अमीर का चचेरा भाई शेख सौद बिन अल-थानी खुद को इंदौर के पूर्व शासक यशवंतराव होलकर का पुनर्जन्म मानता है। दरअसल अल-थानी ने अमेरिकी कलाकार मैन रे द्वारा बनाए गए होलकर के एक चित्र को कुछ साल पहले देखा था। तभी से वह खुद को महाराज यशवंत का दूसरा जन्म मानने लगा। 1961 में महाराज यशवंत के निधन के पांच साल बाद पैदा हुए शेख अल-थानी और पूर्व शासक में काफी समानताएं हैं। दोनों का चेहरा गोल है,माथा चौड़ा है,नाक पतली है और पेंसिल मूंछें हैं। शेख अल-थानी पर अपने पिछले जन्म से जुड़ी वस्तुओं को इकट्ठा करने की धुन सवार है। इस पर वे लाखों रुपए भी खर्च कर रहे हैं। अल-थानी होलकर वंश से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करने के लिए कुछ साल पहले इंदौर भी आए थे। इंदौर के पूर्व प्रधानमंत्री सिरेमल बाफना के पड़पोते उपेंद्र बाफना ने बताया,कुछ साल पहले एंटीक वस्तुओं के कुछ डीलरों ने महाराज यशवंतराव से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करने में मेरी मदद मांगी थी। बाद में पता चला कि ये लोग शेख अल-थानी के लिए ये चीजें इकट्ठा कर रहे हैं।
 ’लाखों डॉलर खर्च किए : इंदौर के इतिहासकार और आर्ट डीलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि अल-थानी ने होल्कर वंश से जुड़ी पुरानी चीजों को खरीदने में लाखों डॉलर खर्च किए हैं। इनमें पुरानी तस्वीरें,दुर्लभ रत्न, कारें,कपड़े और फर्नीचर आदि शामिल हैं। कुछ ऐसे हैं अल-थानी
शेख अल-थानी को अपनी अपार दौलत के साथ ही कला प्रदर्शनियों में चीजों को किसी भी कीमत पर खरीदने के लिए जाना जाता है। कभी-कभी तो वे प्रदर्शनी के पूरे कलेक्शन को अनुमानित कीमत से कहीं अधिक दाम पर खरीद लेते हैं। उन्होंने मार्च में पेरिस में आयोजित क्रिस्टीज की प्रदर्शनी में जर्मन डिजायनर एकार्ट मुथेसिअस द्वारा यशवंतराव होलकर के लिए बनाई गई सभी चीजें खरीद लीं। शेख ने इंदौर के राजपरिवार के लिए बनाई गई एक बुक शेल्फ और दो लैंपों को खरीदने के लिए 15 लाख डॉलर तक खर्च कर दिए। वे पूर्व महाराज की तरह हूबहू पोज में तस्वीरें खिंचवाते हैं और इसके लिए एक सेशन पर हजारों डॉलर खर्च कर देते हैं। दोहा में उनका अल वहाब एस्टेट यशवंतराव के आधिकारिक निवास माणिकबाग की तर्ज पर बना हुआ है।

http://www.bhaskar.com/article/mp-ind-indore-maharaj-takes-rebirth-as-sheikh-in-qatar-2222937.html?ZX3-UPD=

सैनिक मुकेश पुनर्जन्म  महिला के रूप में

कैथल दावा किया जा रहा है कि दुश्मनों की गोली का शिकार होकर वीरगति को प्राप्त कैथल के गांव बात्ता के सैनिक मुकेश का पुनर्जन्म हुआ है, लेकिन इस बार लड़की के रूप में जो चार साल की हो गई है।
सोनम नाम की यह लड़की सोनीपत के गांव बरौदा में पैदा हुई थी। बात्ता पहुंच कर जब उसने अपने पुनर्जन्म बात कही तो गांव वासी सुखद आश्चर्य में डूब गए।
सोनम ने पिछले जन्म की बहुत सी बातें बताईं हैं। उसके मुताबिक पिछले जन्म में उसका नाम मुकेश था। वह सैनिक था और जम्मू में दुश्मनों से लड़ते हुए उसे गोली लग गई थी और बाद में उसे ट्रेन के नीचे फेंक दिया गया था।
शनिवार देर शाम सोनम अपने माता-पिता के साथ बात्ता आई और मुकेश के घर खुद ही पहुंच गई। धीरे-धीरे सोनम ने मां-बाप, भाई-भाभी, चाचा-चाची, सहपाठियों के नाम गिनाना और उन्हें पहचानना शुरू किया तो लोगों को उसका भरोसा करना ही पड़ा।
ऐसे याद आया पहला जन्म
कुछ दिन पहले गांव बात्ता निवासी मास्टर अमृत की पत्नी बीरमति अपने मायके बरौदा गई हुई थी। वहां सोनम ने उसे पहचान लिया और गांव बात्ता की बातें बताने लगी। यह सुनकर बीरमति हैरान रह गई। बात्ता लौटकर उसने सारी कहानी धर्म सिंह और उसकी पत्नी उर्मिला को बताई। सैनिक मुकेश इन्हीं का पुत्र था।
सोनम के बारे में सुनकर उनसे रहा नहीं गया और शनिवार को मुकेश के चाचा-चाची और बड़ा भाई विनोद गांव बरौदा पहुंच गए। वहां जाते ही सोनम ने तीनों को नाम के साथ पहचान लिया। वे सोनम को उसकी मां शीला ताई के साथ बात्ता ले कर आए।
गांव बात्ता में उसके घर से दूर ही उसे गाड़ी से उतार दिया। सोनम गाड़ी से उतरते ही अपने घर पहुंच सबके नाम गिनाने लगी।
पहली मां से चिपक गई सोनम
घर पहुंचते ही सोनम अपने पिछले जन्म की मां उर्मिला से चिपक गई और वह अपनी इस जन्म की मां शीला के पास नहीं आई। शीला ने बताया कि सोनम सुबह से ही उन्हें कह रही थी कि आज गांव बात्ता से उसके पूर्व जन्म के मां बाप उसे लेने आएंगे।
वह प्रार्थना कर रही थी कि बारिश हो। बात्ता पहुंचकर उसने अपने सहपाठी विजेंद्र को भी पहचान लिया और बताया कि वह नौवीं कक्षा तक साथ पढ़े थे। उसने गांव के डेरा बाबा बीरपुरी को भी पहचान लिया।
मुझे गोली मारी थी
सोनम का कहना है कि पिछले जन्म में जब वह मुकेश था तब 29 जुलाई 2002 को जम्मू में वह अपनी ड्यूटी पर था। उसे एक गोली लगी और उसके बाद उसे ट्रेन के नीचे फेंक दिया गया। उसने फौज के कई किस्से भी बताए। उसने पेट पर लगी गोली का निशान दिखाने के लिए भी इशारा किया, जहां अभी भी हलका सा निशान नजर रहा था।
भीड़ देख सहम गई सोनम
नन्ही सी सोनम ने अपने पूर्व जन्म के गांव, गली, परिवार सहपाठियों को तो पहचान लिया, लेकिन वह गांव में उसे देखने के लिए लगी लोगों की भीड़ देखकर सहम गई। समाचार लिखे जाने तक सोनम अपनी पूर्व जन्म की मां उर्मिला की गोद में थी और गांव में उसे देखने वालों का तांता लगा था।

Sourceed : http://www.bhaskar.com/article/har-oth-telling-the-girl-soldier-2250274.html?ZX3-UPD=