मौत के बाद भी तीन दिन तक रहता है औरा (प्रभामंडल) / Aura/ Halo lasts three days after death
ओरा (प्रभामंडल) मरते हुए व्यक्ति के साथ में तथा उसके बाद में भी उस स्थान पर पाया जाता है। मृत्यु के बाद 3 दिन तक धरातल से (जहाँ व्यक्ति की मृत्यु हुई) 3 फुट ऊपर तक उसकी एक परत उपस्थित रहती है। पिछले दिनों हुए शोध के अंतर्गत पाया गया कि अस्पताल में मृत हुए मरीज के बिस्तर पर अन्य मरीज 3 दिनों तक इलाज का उपयुक्त लाभ नहीं उठा पाता है।
अंतिम ओरा की परत अगले जन्म में पुनरावृत्त होती है। प्राचीन ग्रंथों में एक उल्लेख मिला 'जल लेस्से मरई तल लेस्से उवज्झई' अर्थात् जिस लेस्या (ओरा) में मरेंगे, उसी लेस्या के साथ जन्म लेंगे। कुछ बीमारियों की वजह से प्रभामंडल में आए बदरंग धब्बों को बदलने के लिए विशिष्ट प्रार्थनाओं का भी प्रयोग किया जाता है। इन प्रार्थनाओं को दिन में 5 दफे 10-10 बार पढ़ें तो लाभ अवश्य प्राप्त होगा। कुछ आम व्याधियों के लिए :
प्रार्थनाएँ :
मुँहासे: मैं जीवन का दिव्य स्वरूप हूँ। मैं इस समय जिस स्थिति में हूँ, अपने को स्वीकार करता हूँ, प्यार करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं अतीत से मुक्त होकर आगे को विचरण करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ।
कमर एवं पीठ में दर्द : जब हममें असुरक्षा एवं अर्थ संकट की भावना होगी तो कमर के निचले हिस्से में दर्द होगा। ऐसे में निम्न पंक्तियाँ दोहरानी चाहिए : मैं जीवन की प्रक्रिया में विश्वास करता हूँ। मुझे हमेशा संभाल चाहिए। मैं सुरक्षित हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ।
अंतिम ओरा की परत अगले जन्म में पुनरावृत्त होती है। प्राचीन ग्रंथों में एक उल्लेख मिला 'जल लेस्से मरई तल लेस्से उवज्झई' अर्थात् जिस लेस्या (ओरा) में मरेंगे, उसी लेस्या के साथ जन्म लेंगे। कुछ बीमारियों की वजह से प्रभामंडल में आए बदरंग धब्बों को बदलने के लिए विशिष्ट प्रार्थनाओं का भी प्रयोग किया जाता है। इन प्रार्थनाओं को दिन में 5 दफे 10-10 बार पढ़ें तो लाभ अवश्य प्राप्त होगा। कुछ आम व्याधियों के लिए :
प्रार्थनाएँ :
मुँहासे: मैं जीवन का दिव्य स्वरूप हूँ। मैं इस समय जिस स्थिति में हूँ, अपने को स्वीकार करता हूँ, प्यार करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं अतीत से मुक्त होकर आगे को विचरण करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ।
कमर एवं पीठ में दर्द : जब हममें असुरक्षा एवं अर्थ संकट की भावना होगी तो कमर के निचले हिस्से में दर्द होगा। ऐसे में निम्न पंक्तियाँ दोहरानी चाहिए : मैं जीवन की प्रक्रिया में विश्वास करता हूँ। मुझे हमेशा संभाल चाहिए। मैं सुरक्षित हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ।
ND
भावनात्मक असुरक्षा: भावनात्मक असुरक्षा के समय ऐसे में पीठ के ऊपरी भाग में दर्द रहता है।मैं स्वयं को चाहता हूँ और स्वीकृत करता हूँ। मैं सबको प्रेम, सबको सहयोग करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ।
मोटापा: असुरक्षा की भावना भी मोटापा बढ़ाती है। मुझे अपनी सुरक्षा की अनुभूति है और मैं अपने को चाहता और स्वीकृत करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ। मैं सबको क्षमा करता हूँ।
कहते हैं, दूसरे की कुर्सी पर बैठने, एक रजाई में सोने, दूसरों के कपड़े पहनने का भी असर होता है। चीन में दूसरे की कुर्सी पर बैठने के पूर्व रूमाल से कुर्सी को झाड़कर बैठते हैं। इसी प्रकार किसी भी हॉस्पिटल में रोगी के जाने के बाद कुर्सी को झाड़ लेना चाहिए।